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लेखनी प्रतियोगिता -24-May-2023 "विश्व बंधुत्व"

 "विश्व बंधुत्व"

विश्व बंधुत्व का सपना माना कठिन है 
पर नामुमकिन तो यह नहीं है लगता 
प्रण यदि कर ले सब मिलकर
एक दूजे के प्रति प्रेम की अमृत रस बरसाने का
फिर वह दिन दूर नहीं
विश्व बंधुत्व का सपना सच्चा पुर्ण होने का....!! 

विश्व बंधुत्व की शुरुआत 
सबसे पहले घर से होती
फिर समाज और देश है आता
आकांक्षाओं को सीमित करके
संकल्प तू मन में प्रेम से कर डालो
दूर नहीं फिर दिन वह होगा
विश्व बंधुत्व का सपना तब जाकर वो पूर्ण होगा...!! 

बैठे हुए हैं देश आजकल एटम बम पे
ताक लगाए हरदम रहते
किसी तरह से अपना अधिपत्य जमा लूं
ऊंचा ना उठ जाए मुझसे
इससे पहले इसको अपने घुटनों पर गिरा लूं
जब तक रहेगी भावना दिलों में ऐसी
कैसे होगा पूर्ण भला ये
विश्व बंधुत्व का सपना ये......!!

एक दूजे से जब तक
प्रक्रिया ना छूटेगी आगे बढ़ने की
तब तक ना कोई समाधान निकलेगा
देश रहेंगे हावी एक दूजे पे
सबल दवा लेगा निर्बल को
और युद्ध चलते ही रहेंगे
जब तक दिलों में त्याग नहीं आएगा
विश्व बंधुत्व की भावना सपना बनी रहेगी....!! 

मधु गुप्ता "अपराजिता"







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14 Comments

बहुत खूब

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बहुत बहुत शुक्रिया🙏🙏

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वानी

25-May-2023 11:38 AM

Nice

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Thank you so much🙏🙏

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Reena yadav

25-May-2023 10:46 AM

👍👍

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Thank you so much🙏🙏

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